०७-०७-२०१३, रविवार
मीठे बच्चे, – तुम ड्रामा के खेल को जानते हो इसलिए शुक्रिया मानने की भी बात नहीं है”
मीठे बच्चे, – तुम ड्रामा के खेल को जानते हो इसलिए शुक्रिया मानने की भी बात नहीं है”
प्रश्न: सर्विसेबल बच्चों में कौन-सी आदत बिल्कुल नहीं होनी चाहिए ?
उत्तर: मांगने की। तुम्हें बाप से आशीर्वाद या कृपा आदि मांगने की जरूरत नहीं है। तुम किसी से पैसा भी नहीं मांग सकते। मांगने से मरना भला। तुम जानते हो ड्रामा अनुसार कल्प पहले जिन्होंने बीज बोया होगा वह बोयेंगे, जिनको अपना भविष्य पद ऊंच बनाना होगा वह जरूर सहयोगी बनेंगे। तुम्हारा काम है सर्विस करना। तुम किसी से कुछ मांग नहीं सकते। भक्ति में मांगना होता, ज्ञान में नहीं।
उत्तर: मांगने की। तुम्हें बाप से आशीर्वाद या कृपा आदि मांगने की जरूरत नहीं है। तुम किसी से पैसा भी नहीं मांग सकते। मांगने से मरना भला। तुम जानते हो ड्रामा अनुसार कल्प पहले जिन्होंने बीज बोया होगा वह बोयेंगे, जिनको अपना भविष्य पद ऊंच बनाना होगा वह जरूर सहयोगी बनेंगे। तुम्हारा काम है सर्विस करना। तुम किसी से कुछ मांग नहीं सकते। भक्ति में मांगना होता, ज्ञान में नहीं।
धारणा के लिए मुख्य सार:
१.विकर्मों से बचने के लिए इस शरीर से रहते अशरीरी बनने का पुरुषार्थ करना है। याद की यात्रा ऐसी हो जो शरीर की विस्मृति होती जाय।
२.ज्ञान का मंथन कर आस्तिक बनना है। मुरली कभी भी मिस नहीं करनी है। अपनी उन्नति के लिए डायरी में याद का चार्ट नोट करना है।
१.विकर्मों से बचने के लिए इस शरीर से रहते अशरीरी बनने का पुरुषार्थ करना है। याद की यात्रा ऐसी हो जो शरीर की विस्मृति होती जाय।
२.ज्ञान का मंथन कर आस्तिक बनना है। मुरली कभी भी मिस नहीं करनी है। अपनी उन्नति के लिए डायरी में याद का चार्ट नोट करना है।
वरदानः दिव्य बुद्धि की लिफ्ट द्वारा तीनों लोकों की सैर करने वाले सहजयोगी भव ।
संगमयुग पर सभी बच्चों को दिव्य बुद्धि की लिफ्ट मिलती है। इस वन्डरफुल लिफ्ट द्वारा तीनों लोकों में जहाँ चाहो वहाँ पहुंच सकते हो। सिर्फ स्मृति का स्विच आन करो तो सेकण्ड में पहुँच जायेंगे और जितना समय जिस लोक का अनुभव करना चाहो उतना समय वहाँ स्थित रह सकते हो। इस लिफ्ट को यूज़ करने के लिए अमृतवेले केयरफुल बन स्मृति के स्विच को यथार्थ रीति से सेट करो। अथॉरिटी होकर इस लिफ्ट को कार्य में लगाओ तो सहजयोगी बन जायेंगे। मेहनत समाप्त हो जायेगी।
संगमयुग पर सभी बच्चों को दिव्य बुद्धि की लिफ्ट मिलती है। इस वन्डरफुल लिफ्ट द्वारा तीनों लोकों में जहाँ चाहो वहाँ पहुंच सकते हो। सिर्फ स्मृति का स्विच आन करो तो सेकण्ड में पहुँच जायेंगे और जितना समय जिस लोक का अनुभव करना चाहो उतना समय वहाँ स्थित रह सकते हो। इस लिफ्ट को यूज़ करने के लिए अमृतवेले केयरफुल बन स्मृति के स्विच को यथार्थ रीति से सेट करो। अथॉरिटी होकर इस लिफ्ट को कार्य में लगाओ तो सहजयोगी बन जायेंगे। मेहनत समाप्त हो जायेगी।
स्लोगनः मन को सदा मौज़ में रखना-यही जीवन जीने का कला है।
07-07-2013, Sunday
Experience the divine activities of subtle power through introversion.
The way to enable your devotees to attain everythingis to have a stage of being ignorant of the knowledge of desires.
Blessing: May you be an embodiment of peace who gives the experience of a shanti-kund (an area of peace) in the midst of peacelessness and upheaval.
When there is upheaval in any place, then, at that time of quarrelling, show the wonder of the power of peace. It should enter everyone’s intellect that it is a shanti-kund here. Be a shanti-kund and spread the power of peace. Be an embodiment of peace and give the experience of a shanti-kund. At that time, you won’t be able to serve through words, but with the power of the mind, you will be able to reveal a shanti-kund. Everyone should receive the vibrations that they will receive peace only there. So, create such an atmosphere.
When there is upheaval in any place, then, at that time of quarrelling, show the wonder of the power of peace. It should enter everyone’s intellect that it is a shanti-kund here. Be a shanti-kund and spread the power of peace. Be an embodiment of peace and give the experience of a shanti-kund. At that time, you won’t be able to serve through words, but with the power of the mind, you will be able to reveal a shanti-kund. Everyone should receive the vibrations that they will receive peace only there. So, create such an atmosphere.
Slogan: To finish all worries of the self and everyone else is to be one who has pure and positive thoughts for everyone.
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