०८-०९-२०१३, रविवार
08-09-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज:30-04-77 मधुबन
हाईएस्ट अथॉरिटी की स्थिति का आधार – कम्बाइन्ड रूप की स्मृति
वरदान: लौकिक को अलौकिक में परिवर्तन कर घर को मन्दिर बनाने वाले आकर्षणमूर्त भव |
प्रवृत्ति में रहते घर के वायुमण्डल को ऐसा बनाओ जिसमें कोई भी लौकिकता न हो। कोई भी आये तो अनुभव करे कि यह अलौकिक हैं, लौकिक नहीं। यह साधारण घर नहीं लेकिन मन्दिर है। यह है पवित्र प्रवृत्ति वालों की सेवा का प्रत्यक्ष स्वरूप। स्थान भी सेवा करे, वायुमण्डल भी सेवा करे। जैसे मन्दिर का वायुमण्डल सबको आकार्षित करता है ऐसे आपके घर से पवित्रता की खुशबू आये तो वह खुशबू स्वत: चारों ओर फैलेगी और सबको आकार्षित करेगी।
स्लोगन: मन-बुद्धि को दृढ़ता से एकाग्र कर कमजोरियों को भस्म कर दो-तब कहेंगे सच्चे योगी।
प्रवृत्ति में रहते घर के वायुमण्डल को ऐसा बनाओ जिसमें कोई भी लौकिकता न हो। कोई भी आये तो अनुभव करे कि यह अलौकिक हैं, लौकिक नहीं। यह साधारण घर नहीं लेकिन मन्दिर है। यह है पवित्र प्रवृत्ति वालों की सेवा का प्रत्यक्ष स्वरूप। स्थान भी सेवा करे, वायुमण्डल भी सेवा करे। जैसे मन्दिर का वायुमण्डल सबको आकार्षित करता है ऐसे आपके घर से पवित्रता की खुशबू आये तो वह खुशबू स्वत: चारों ओर फैलेगी और सबको आकार्षित करेगी।
स्लोगन: मन-बुद्धि को दृढ़ता से एकाग्र कर कमजोरियों को भस्म कर दो-तब कहेंगे सच्चे योगी।
08-09-2013, Sunday
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