०८-१२-२०१३, रविवार
08-12-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:28-05-77 मधुबन
बापदादा के सदा दिल तख्तनशीन, समान बच्चों के लक्षण
वरदान: आगे पीछे सोच समझकर हर कार्य करने वाले ज्ञानी तू आत्मा त्रिकालदर्शा भव
जो बच्चे त्रिकालदर्शा अर्थात् तीनों कालों का ज्ञान बुद्धि में रख, आगे पीछे सोच समझकर
कर्म करते हैं उन्हें हर कर्म में सफलता मिलती है। ऐसे नहीं बहुत बिजी था इसलिए जो
काम सामने आया वह करना शुरू कर दिया, नहीं। कोई भी कर्म करने के पहले यह
आदत पड़ जाए कि पहले तीनों काल सोचना है। त्रिकालदर्शी स्थिति में स्थित होकर
कर्म करो तो कोई भी कार्य व्यर्थ वा साधारण नहीं होगा।
स्लोगन: अपने सन्तुष्ट और खुशनुम: जीवन से सेवा करो तब कहेंगे सच्चे सेवाधारी।
08-12-2013, Sunday
08-12-2013 (AM Revised - 28-05-1977)
The qualifications of the children who are equal and constantly seated on
BapDada's heart-throne.
every task while considering the past and future of every task.
Children who are trikaldarshi, that is, those whose intellects have the knowledge of
the three aspects of time, and who act considering their past and future, achieve
success in every deed. It is not that they would be so busy that they just begin to
perform whatever task comes in front of them; no. Before performing any task,
instil the habit of first thinking about all three aspects (of time) of that task.
Act while stable in the trikaldarshi stage and no deed will be wasteful or ordinary.
Slogan: Serve with your contented and happy life and you will then be
called a true server.
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