२०-०४-२०१४, रविवार
20-04-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज:22-06-77 मधुबन
सितारों की दुनिया का रहस्य
वरदान: निमित्त और निर्माण भाव से सेवा करने वाले श्रेष्ठ सफलतामूर्त भव
सेवाधारी अर्थात् सदा बाप समान निमित्त बनने और निर्माण रहने वाले। निर्माणता ही श्रेष्ठ सफलता का साधन है। किसी भी सेवा में सफलता प्राप्त करने के लिए नम्रता भाव और निमित्त भाव धारण करो, इससे सेवा में सदा मौज का अनुभव करेंगे। सेवा में कभी थकावट नहीं होगी। कोई भी सेवा मिले लेकिन इन दो विशेषताओं से सफ¬लता को पाते सफलता स्वरूप बन जायेंगे।
सेवाधारी अर्थात् सदा बाप समान निमित्त बनने और निर्माण रहने वाले। निर्माणता ही श्रेष्ठ सफलता का साधन है। किसी भी सेवा में सफलता प्राप्त करने के लिए नम्रता भाव और निमित्त भाव धारण करो, इससे सेवा में सदा मौज का अनुभव करेंगे। सेवा में कभी थकावट नहीं होगी। कोई भी सेवा मिले लेकिन इन दो विशेषताओं से सफ¬लता को पाते सफलता स्वरूप बन जायेंगे।
20-04-2014, Sunday
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