Tuesday, June 10, 2014

10-06-2014's Murli


१०-०६-२०१४, मंगळवार

मीठे बच्चे – सदा इसी नशे में रहो कि हमारा पद्मापद्म भाग्य है, जो पतित-पावन बाप के हम बच्चे बने हैं, उनसे हमें बेहद सुख का वर्सा मिलता है“प्रश्न: तुम बच्चों को किसी भी धर्म से घृणा वा नफ़रत नहीं हो सकती है – क्यों ?
उत्तर: क्योंकि तुम बीज और झाड़ को जानते हो। तुम्हें पता है यह मनुष्य सृष्टि रूपी बेहद का झाड़ है इस में हर एक का अपना-अपना पार्ट है। नाटक में कभी भी एक्टर्स एक-दूसरे से घृणा नहीं करेंगे। तुम जानते हो हमने इस नाटक में हीरो-हीरोइन का पार्ट बजाया। हमने जो सुख देखे, वह और कोई देख नहीं सकता। तुम्हें अथाह खुशी है कि सारे विश्व पर राज्य करने वाले हम हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:१.संगमयुग पर डायरेक्ट भगवान् से पढ़ाई पढ़कर, ज्ञानवान आस्तिक बनना और बनाना है। कभी भी बाप वा पढ़ाई में संशय नहीं लाना है।
२.बाप समान लवली बनना है। भगवान् हमारा श्रृंगार कर रहे हैं, इस खुशी में रहना है। किसी भी एक्टर से घृणा वा नफ़रत नहीं करनी है। हरेक का इस ड्रामा में एक्यूरेट पार्ट है।
वरदान: ब्राह्मण जीवन की प्रापर्टी और पर्सनालिटी का अनुभव करने और कराने वाली विशेष आत्मा भवबापदादा सभी ब्राह्मण बच्चों को स्मृति दिलाते हैं कि ब्राह्मण बने – अहो भाग्य! लेकिन ब्राह्मण जीवन का वर्सा, प्रापर्टी सन्तुष्टता है और ब्राह्मण जीवन की पर्सनालिटी प्रसन्नता है। इस अनुभव से कभी वंचित नहीं रहना। अधिकारी हो। जब दाता, वरदाता खुली दिल से प्राप्तियों का खजाना दे रहे हैं तो उसे अनुभव में लाओ और औरों को भी अनुभवी बनाओ तब कहेंगे विशेष आत्मा।

स्लोगन:- लास्ट समय का सोचने के बजाए लास्ट स्थिति का सोचो।

10-06-2014, Tuesday
Essence: Sweet children, always stay in the intoxication of your multimillion-fold fortune of becoming children of the Purifier Father. We receive an inheritance of unlimited happiness from Him.Question: Why can you children not have any dislike or hatred for any religion ?
Answer: Because you know the Seed and the tree. You know that this is the unlimited tree of the human world. Each one has his own part in it. Actors in a play do not have hatred for one another. You know that you have the hero and heroine parts in this play. No one else can see the happiness that you have seen. You have the limitless happiness that you are the ones who will rule the whole world.
Essence for dharna:1.Study directly with God at the confluence age, become knowledgeable theists and also make others knowledgeable. Never have any doubts in the Father or the study.
2.Become as lovely as the Father. Maintain the happiness that God is decorating you. Do not have dislike or hatred for any actor. Each one has an accurate part in this drama.
Blessing: May you be a special soul who experiences and gives others the experience of the property and personality of Brahmin life.BapDada reminds all Brahmin children: It is your great fortune that you have become Brahmins. However, the inheritance and property of Brahmin life is contentment and the personality of Brahmin life is happiness. Never remain deprived of this experience. You have a right to it. Since the Bestower and the Bestower of Blessings is giving you all of these attainments with an open heart, you have to experience them and also make others experienced in these and you will then be called special souls.
Slogan: Instead of thinking of the last (final) moments, think of the last (final) stage.

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