२२-०६-२०१४, रविवार
22-06-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज:14-02-78 मधुबन
समीप आत्मा की निशानियाँ
वरदान: सेवाओं में शुभ भावना की एडीशन द्वारा शक्तिशाली फल प्राप्त करने वाले सफलतामूर्त भव
जो भी सेवा करते हो उसमें सर्व आत्माओं के सहयोग की भावना हो, खुशी की भावना वा सद्भावना हो तो हर कार्य सहज सफल होगा। जैसे पहले जमाने में कोई कार्य करने जाते थे तो सारे परिवार की आशीर्वाद लेकर जाते थे। तो वर्तमान सेवाओं में यह एडीशन चाहिए। कोई भी कार्य शुरू करने के पहले सभी की शुभ भावनायें, शुभ कामनायें लो। सर्व की सन्तुष्टता का बल भरो तब शक्तिशाली फल निकलेगा।
जो भी सेवा करते हो उसमें सर्व आत्माओं के सहयोग की भावना हो, खुशी की भावना वा सद्भावना हो तो हर कार्य सहज सफल होगा। जैसे पहले जमाने में कोई कार्य करने जाते थे तो सारे परिवार की आशीर्वाद लेकर जाते थे। तो वर्तमान सेवाओं में यह एडीशन चाहिए। कोई भी कार्य शुरू करने के पहले सभी की शुभ भावनायें, शुभ कामनायें लो। सर्व की सन्तुष्टता का बल भरो तब शक्तिशाली फल निकलेगा।
स्लोगन: जैसे बाप जी-हाजिर कहते हैं वैसे आप भी सेवा में जी हाज़िर, जी हज़ूर करो तो पुण्य जमा हो जायेगा।
22-06-2014, Sunday
The signs of souls who are close.
Blessing: May you be an embodiment of success who receives powerful fruit by putting the addition of good wishes into service.Whatever service you do, let there be the feeling of co-operation of all souls in that. When there are feelings of happiness and good wishes, all tasks will easily be successful. Just as in the olden days, when someone used to go to perform a particular task, he would go having taken blessings from the whole family so this addition is required in service at present. Before beginning any task, take everyone’s good wishes and pure feelings. Fill service with the power of everyone’s contentment for only then will powerful fruit emerge.
Slogan: Just as the Father says “Ji Hazir “(I am present), in the same way, when you say “Ji hazir, ji Hazoor (present, my Lord) for service, you will accumulate charity.
Slogan: Just as the Father says “Ji Hazir “(I am present), in the same way, when you say “Ji hazir, ji Hazoor (present, my Lord) for service, you will accumulate charity.
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