Thursday, February 2, 2012

बाबा की मुरली फरवरी २०१२



०१-०२-२०१२, बुधवार
मीठे बच्चे,
कदम कदम पर बाप की श्रीमत पर चलना, बाप की शिक्षाओ को धारण करना यही अपने उपर कृपा करना है !
प्रश्नः बच्चू बादशाह और पीरू वजीर दोनो इस समय हरेक के अंग-संग है, कैसे ?
उतरः बच्चू बादशाह है काम विकार और पीरू वजीर है क्रोध दोनो का आपस में बहुत गहरा संबध है, सभी मनुष्य इस समय इन दोनो के वशीभूत है ! अगर कोइ बापका बच्चा कहलाकर फीर काम या क्रोध के वशीभूत होता है तो बापका निंदक बन जाता है ! बाबा कहते मीठे बच्चे इन दुश्मनो को जीतो ! क्रोध के लीए तो कहा जाता- जहाँ क्रोध है वहाँ मट्के का सुख जाते है !
गीतः बचपन के दिन भुला न देना....
धारणा के लीए मुख्य सारः
१. दिलसे साहब पर पुरा पुरा बलीहार जाना है ! पुरा पुरा trustee बन कदम कदम श्रीमत पर चलना है ! देह सहित सब कुछ भूल अकेला बन जाना है !
२. बच्चा बनने के बाद बापके कार्यमें विघ्न नहि डालना है ! कोइ भी बदनामी का कार्य नहि करना है ! आज्ञाकारी वफादार बनना है !
वरदानः मंजिल को सामने रख ब्रह्मा बापको follow करते हुए first no.लेनेवाले तीव्र पुरुषार्थी भव !
तीव्र पुरूषार्थी के सामने सदा मंजिल होती है ! वे कभी यहाँ वहाँ नहीं देखते !  first no.में आनेवाली आत्माए व्यर्थ को देखते हुए भी नही देखती, व्यर्थ बातें सुनते हुए भी नही सुनती ! वे मंजिल को सामने रख ब्रह्मा बाप को follow करती है ! जैसे ब्रह्मा बापने अपने को करनहार समजकर कर्म किया, कभी करावनहार नहीं समजा, इसलिए जिम्मेवारी सम्भालते भी सदा हल्के रहे ! एसे follow father करो !
स्लोगनः जो बात अवस्था को बिगाडने वाली है उसे सुनते हुए भी नहीं सुनो !
स्वमानः मै संपूर्ण निर्विकारी आत्मा हुं !
०२-०२-२०१२, गुरूवार
मीठे बच्चे,
सारे कल्प में बडे से बडी हस्ती यह ब्रह्मा है, इसमें बाप प्रवेश करते है, इन्हें ही तुम्हें follow करना है !
प्रश्नः बाप और दादा दोनों का विशेष गुन कौन सा है, जीसे तुम्हे follow करना है ?
उतरः बाप निराकारी सो निरहंकारी है तो दादा भी साकार में होते सदा निरहंकारी है ! इतनी बडी हस्ती होते हुए भी कितना साधारण रह्ते है ! एक और कहते यह ऊंचे से ऊंच, हीरा बनाने वाले बाबा की डिब्बी है तो दुसरी और कहते यह पुराने ते पुरानी लांग बूट है, जिसमें बाप ने प्रवेश कीया है ! दोनो ही बच्चों की सेवा में हाजिर है ! तो ऐसे  ही बच्चों भी follow father कर निरहंकारी हो सेवा करनी है !
गीतः ओम्‌ नमः शिवाय....
धारणा के लीए मुख्य सारः
१. बापदादा के समान निरहंकारी और निराकारी बनना है ! सब की सेवा करनी है !
२. मुक्ति-जीवनमुक्ति के लीए पवित्रता की राखी बांधनी है ! ज्ञान चिता पर बैठना है !
वरदानः परमात्म प्यार की शक्ति से असम्भव को सम्भव करने वाले पदमापदम भाग्यवान भव !
स्लोगनः अपने श्रेष्ट कर्म वा चलन द्वारा दुआयें जमा कर लो तो पहाड जैसी बात भी रूई के समान अनुभव होगी !
स्वमानः मै स्वदर्शन चक्रधारी हुं !
०३-०२-२०१२, शुक्रवार
मीठे बच्चे,
सब दूःखियों को सुखी बनाना, यह एक बाप का ही फर्ज हि, वही सर्व का सद्‌गति दाता है !
प्रश्नः बाप अपने बच्चों को चढ़ती कला में जाने की कौन सी युक्ति सुनाते हैं?
उतरः बाबा कहते मीठे बच्चे-मै जो सुनाता हूँ, तुम उसे ही सुनो ! बाकी जो कुछ सुना है उसे भूल जाओ क्योंकि उससे तुम नीचे उतरते आये हो !
प्रश्नः कौनसा गुह्य राज़ तुम बच्चे समजते हो, जिसमें सभी वेद शास्त्रों का सार आ जाता है ?
उतरः ब्रह्मा सो विष्णु और विष्णु सो ब्रह्मा कैसे बनता, कैसे दोनों एक दोनो की नाभी से नीकलते है, यह गुह्य राज़ तुम बच्चे ही समजते हो ! यह सभी वेद शास्त्रों का सार है !
गीतः नैन हीन को राह दीखाओ....
धारणा के लीए मुख्य सारः
१.सम्पूर्ण पावन बनने के लीए अव्यभिचारी बनना है ! एक बाप से ही सुनना है, एक को ही याद करना है !
२.खुदाई खिदमतगार बन भारत को पावन बनाने की सेवा करनी है ! एक बापसे प्रीत बूध्दि रहना है !
वरदानः मेरेपन की खोट को समाप्त कर भरपूरता का अनुभव करने वाले सम्पूर्ण ट्रष्टी भव !
स्लोगनः बाप समान बनना है तो समजना, चाहना और करना तीनों को समान बनाओ !
०४-०२-२०१२, शनिवार
मीठे बच्चे,
तुम्हे पढाई से राजाई लेनी है, यह पढाई है तुम्हे double सिरताज बनानेवाली, तुम अपने लीए अपनी राजाई स्थापन करते हो !
प्रश्नः कौनसा कर्तव्य एक बाप का ही है जिसके लीए मनुष्य पुरूषार्थ तो बहुत करते लेकीन कर नहिं पाते ?
उतरः peaceless world को peaceful बनाना यह काम केवल एक बाप का है ! मनुष्य पुरूषार्थ करते है, सब मीलकर एक हो जाएं ! सारे विश्व में peace हो ! एक दो को peace prize भी देते है परन्तु उन्हे पता ही नहिं कि जब दुनिया में रामराज्य था तब peace थी, अभी रावण राज्य है यहाँ peace हो ही नही सकती !
धारणा के लीए मुख्य सारः
१.बाप की श्रीमत और पवित्रता की ताकत से इस पतित सॄष्टि को पावन बनाने की सेवा करनी है ! अपने लीए राज्य स्थापन करना है !
२.पारलौकिक बाप जो मीठे ते मीठा है, जिससे स्वर्ग का वर्सा मिलता है, उसे निरंतर याद करना है ! योग बल से अपनी राजाई लेनी है !
वरदानः सर्व शक्तियों से सम्पन्न बन हर शक्ति को कार्य में लगाने वाले master सर्व शक्तिमान भव 
स्लोगनः प्राप्तियों को भूलन ही थकना है इसलिए प्राप्तियों को सदा सामने रखो !
स्वमानः मै peace maker हुं !
०५-०२-२०१२, रविवार
"अव्यक्त बापदादा" Revised ०७-११-१९९५, मधुबन
"बापदादा कि विशेष पसंदगी और ज्ञान का Foundation-पवित्रता"
वरदानः चारों और की हलचल के समय अव्यकत स्थिति वा अशरीरी बनने के अभ्यास द्वारा विज्यी भव !
स्लोगनः पुरूषार्थ को तीव्र करना है तो अपने अलबेलेपन के loose screw को tight करो !
स्वमानः मै पदमापदम भाग्यवान हुं !
०६-०२-२०१२, सोमवार
मीठे बच्चे,
तुम अभी ईश्वरीय खजाने से पल रहे हो, तुम्हारा कर्तव्य है- ज्ञान का खजाना बांटकर सब का कल्याण करना !
प्रश्नः माया की ग्रहाचारी आनेसे बच्चे कौन सा wonderful खेल करते है ?
उतरः जब ग्रहचारी आती है तो ऍसे उंचे ते उंचे बाप, teacher और सतगुरू तीनों को ही भूल जाते है ! wonder है जो अच्छे-अच्छे निश्चयबुध्धि बच्चे भी कहते -हम नही मानते ! आश्चर्यवत सुनन्ती, कथन्ती भागन्ती हो जाते है ! आज मम्मा बाबा कहते कल गुम हो जाते ! पता ही नही चलता लेकिन बाबा कहे फिर भी सब आयेंगे क्योंकि सबको शरणागति तो एक बाप के पास हि मीलनी है !
गीतः ओ‌म् नमो शिवाए....
धारणा के लीए मुख्य सारः
१.चढती कला में जाने के लिए कदम-कदम श्रीमत पर चलना है ! बाप को यथार्थ पहचान कर, देही-अभिमानी बन पुरा regard रखना है !   
 २.ईश्वरीय service पर पूरा-पूरा ध्यान देना है ! याद से बुध्धि को स्वच्छ और विशाल बनना है !
वरदानः शिक्षक बनने के साथ रहमदिल की भावना द्वारा क्षमा करने वाले master merciful भव !     
स्लोगनः जिन की झोली परमात्म दुआओं से भरपूर है उनके पास माया आ नहीं सकती !
स्वमानः मै master merciful हूं !
०७-०२-२०१२, मंगळवार
मीठे बच्चे,
सदा इसी रूआब मे रहो की बाप हमको वापस लेने आये है, अब सबको वापिस चलना है !
प्रश्नः तुम बच्चे इस समय सबसे बडे ते बडा पुण्य कौनसा करते हो ?
उतरः अपना सब कुछ शिवबाबा के आगे समर्पण कर देना-यह है बहुत बडा पुण्य ! surrender कर पूरा श्रीमत पर चलने से बहुत उंच पद मिल जाता है !
प्रश्नः कौन सी एक नई बात मनुष्यो की बुध्धि में बहुत मुश्कील बैठती है ?
उतरः शिवबाबा जो निराकार है, उसने ब्रह्मा के तन में प्रवेश कीया है, वही सब से बडे ते बडी आसामी है, उनका ही बडे ते बडा part है ! यह नई बात मनुष्यो कि बुध्धि में बहुत मुश्किल बैठती है !
गीतः यह कौन आज आया सवेरे....
धारणा के लीए मुख्य सार
१.नई राजधानी बनाने के लीए बाप की service मे मददगार बनना है ! कांटो को फूल बनाने की सेवा करनी है !
२.कम से कम ८ घंटा याद कि यात्रा में रहेने का अभ्यास करना है ! मौत से हिचकना नहि है क्योंकि बुध्धि में है  "अब घर जाना है" !
वरदानः स्व परिवर्तन द्वारा विश्व परिवर्तन के निमित्त बनने वाले सर्व खजानो के मालिक भव !
स्लोगनः सर्व शक्तिओ कि light सदा साथ रहे तो माया दूर से ही भाग जायेगी !
स्वमानः मै master सुखदाता हुं !
०८-०२-२०१२, बुधवार
मीठे बच्चे,
अपने दिल रुपी दर्पण में देखो की अंदर में कोई भूत तो नहीं है, भूतों को निकालनेका प्रयत्न करते रहो !
प्रश्नः बाप और बच्चों के बीच, संगम पर दुनिया से बीलकुल न्यारी रसम चलती है, वह कौनसी ?
उतरः दुनिया में बच्चे बाप को नमस्ते करते है लेकिन यहां बाप बच्चों को नमस्ते करते है ! बाप खुद कहते हैं मीठे बच्चे, मै तुम्हारी सेवा में आकर उपस्थित हुआ हुं, तो तुम बच्चे मेरे से भी बडे ठहरे ! दुसरा मै निरहंकारी निराकारी बाप हुँ तो जरूर मैं पहले नमस्ते करुंगा ! यह भी संगम की न्यारी रसम है !
धारणा के लीए मुख्य सार
१.देह-अभिमान को छोड अपने से बडो को आगे रखना है ! कोई debate करता है तो बडो तरफ refer करना है ! आबरू नहि गँवानी है !
२.Charity begins at home ! पहले परिवार का कल्याण करना है, गृहस्थ व्यवहार में रहते कमल फूल समान पवित्र बनना है !
वरदानः श्रेष्ट स्मृति द्वारा सुखमय स्थिति बनाने वाले सुख स्वरुप भव !
स्लोगनः समय रुपी खजाने को व्यर्थ से बचाना-यही तीव्र पुरूषार्थी की निशानी है !
स्वमानः मै निरहंकारी हुं !
०९-०२-२०१२, गुरुवार
मीठे बच्चे,
समझदार बन अपना पोतामेल देखो, कोइ कर्मेद्रिय धोखा तो नहीं देती हैं ! सारे दिन में कोइ भूल हो तो अपने आप को सज़ा दो !
प्रश्नः बाप से सच्चा व्यापार करने वा ऊंच पद पाने का आधार क्या है ?
उतरः बाप से सच्चा व्यापार करना है तो बाप के हर direction पर चलो ! बाबा कहते बच्चे यदि ऊंच पद पाना है तो अन्दर में जो बुरी आदतें हैं वह निकाल दो ! कुद्दष्टि,क्रोध आदि से बहुत नुकसान होता है, इसलिए कर्म-अकर्म-विकर्म की गुह्य गति जो बाप ने समजाई है, उसे बुध्धि में रखो !
धारणा के लीए मुख्य सार
१.भाई बहन वा भाई-भाई की द्दष्टि पक्की करनी है, बहुत खबरदार रहना है ! ऍसा कोई कर्म न हो जो बाप का नाम बदनाम हो !
२.बाप में कभी भी संशय नहीं लाना है ! प्रेम से बाप को याद करना है ! रात दिन पढाई पर ध्यान देकर कमाई जमा करनी है !
वरदानः समस्याओं के पहाड को उड़ती कला से पार करने वाले तीव्र पुरूषार्थी भव !
स्लोगनः याद की वृति से वायुमंडल को powerful बनाना यही मन्सा सेवा है !
स्वमानः मै कर्मेद्रिंयजीत हुं !
१०-०२-२०१२, शुक्रवार
मीठे बच्चे,
यह पढाई बहुत उंची है, इसमें माया रावण ही विघ्न डालता है, उससे अपनी संभाल करो !
प्रश्नः तुम्हारी service वृध्धि को कब प्राप्त होगी ?
उतरः जब service करनेवाले बच्चे पक्के नष्टमोहा,योगयुक्त बनेंगे तब तुम्हारी service वृध्धि को पायेगी ! तुम सबका उध्धार करने के निमित्त बन जायेंगे ! जब पुरा निश्चय बुध्दि बनेंगे, बाप के हर direction को अमल में लायेंगे तब service में सफलता मीलेगी !
गीतः मै एक नन्हा बच्चा हूं !
धारणा के लीए मुख्य सार
१.ज्ञान धन में शाहूकार बन बाप का नाम बाला करने की सेवा करनी है ! पूरा निश्चय बुध्धि बनना है ! किसी भी बात में संशय नही लाना है !
२.बाप से पूरा वर्सा लेने के लीए "मेरे-मेरे" में जो ममत्व है उसे छोड देना है ! लौकिक वर्से का नशा नहीं रखना है !
वरदानः अपनी सर्व जिम्मेवारीयोका बोझ बाप को दे स्वयं हल्का रहने वाले निमित्त और निर्माण भव !
स्लोगनः सन्तुष्टमणी वह है-जिसके जीवन का श्रृंगार सन्तुष्टता है !
११-०२-२०१२, शनिवार
मीठे बच्चे,
बाप आये है अनाथो को सनाथ बनाने, सबको दूःखों से छूड़ाकर सुखधाम में ले जानें !
प्रश्नः कल्प-कल्प बाप अपने बच्चों को कौनसी आथत (धैर्य) देते है ?
उतरः मीठे बच्चे-तुम बेफिकर रहो, विश्व में शान्ति स्थापन करना, सर्व को दूःखो से छूडाना मेरा काम है ! मै ही आया हुँ तुम बच्चों को इस रावण राज्य से छूड़ाकर रामराज्य में ले चलने ! तुम बच्चों को वापिस ले जाना मेरा ही फ़र्ज है !
गीतः छोड़ भी दे आकाश सिंहासन...
धारणा के लीए मुख्य सार
१.Light house बनना है ! एक आंख में शान्तिधाम, दुसरी आंख मे सुखधाम फिरता रहे ! इस दूःखधाम को देखते हुए भी नही देखना है !
२.बाप समान knowledge में full बन करके गेहद सुख लेने के लिए पूरा पुरूषार्थ करना है, जो knowledge मिली है वह दूसरों को देनी है
वरदानः सर्व कर्मेन्द्रियों को law और order प्रमाण चलाने वाले master सर्वशक्तिमान्‌ भव !
स्लोगनः समय पर सर्व शक्तियों को कार्य में लगाना ही master सर्व शक्तिमान्‌ बनना है !
स्वमानः मै master सर्व शक्तिमान हुं !
१२-०२-२०१२, रविवार
अव्यकत बापदादा revised २७-०५-१९७४ मधुबन
विश्व-कल्याण के निमित्त बनी आत्माओं के वचन भी सदा कल्याणकारी
वरदानः जिम्मेवारी की स्मृति द्वारा सदा alert रहनेवाले शुभभावना, शुभकामना संपन्न भव !
स्लोगनः अपने हर कर्म द्वारा सहारेदाता बाप को प्रत्यक्ष करो तो अनेक आत्माओं को किनारा मिलजायेगा !
स्वमानः मै विश्व कल्याणकारी हुं !
१३-०२-२०१२, सोमवार
मीथे बच्चे,
बाप को जानी-जाननहार भल कहते है परन्तु हर एक को अपना समाचार जरूर देना है, समाचार देंगे तो सावधानी मिलेगी !
प्रश्नः बेहद सॄष्टि को स्वर्ग बनाना है, इसलिए sensible बच्चों का काम क्या है ?
उतरः हर एक का यथार्थ समाचार बाप को देना ! बाप को ठीक समाचार देंगे तो बाप शिक्षा देंगे कि तुम्हारे में यह भूत है, इस कारण de service होती है ! अपनी चलन सुधारो ! देह-अभिमान की इच्छाओं का त्याग करो ! बेहद सृष्टि को स्वर्ग बनाना है, इसलीए सबके प्रति बाप कि यही द्रष्टि रहती की सबको ज्ञान दो, गरीबों पर तो खास ध्यान रहता है !
गीतः मुझको सहारा देने वाले....
धारणा के लीए मुख्य सार
१.स्वयं की उन्नति के लीए अपनी चलन और पढाई का सच्चा-सच्चा समाचार बाप को देना है ! अपनी और सर्व की जीवन हिरे जैसी बनानी है !
२.गृहस्थ व्यवहार की सम्भाल करते, श्रीमत पर पुरा चलना है ! समझदार बन अपना सब कुछ स्वर्ग के लीए transfer कर देना है !
वरदानः सब कुछ बाप हवाले कर double light रहने वाले बाप समान न्यारे-प्यारे भव !
स्लोगनः मर्यादाओ की लकीर के अन्दर रहने वाले ही मर्यादा पुरुषोतम है !
स्वमानः मै double light हुं !
१४-०२-२०१२, मंगळ्वार
मीठे बच्चे,
माया की बीमारी से छूटने के लिए ज्ञान और योग का applle (सेब) रोज खाते रहो !
प्रश्नः कर्मातीत अवस्था में जाने का पुरूषार्थ क्या है ?
उतरः ऍसा अभ्यास करो जो बुध्धि में सिवाय बाप के और कोई की याद न रहे ! अन्त मती सो गति.. जब ऍसी अवस्था हो जो बुध्धि में कोई भी याद न रहे तब सदा हर्षित भी रहेंगे और कर्मातीत अवस्था को भी पा लेंगे ! तुम्हारा पुरुषार्थ ही है आत्म-अभिमानी बनने का ! आत्मा, आत्मा को देखे, आत्मा से बात करे तो खुशी होती है !
गीतः तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो...
धारणा के लीए मुख्य सार
१.सदा हर्षित रहने के लिए आत्म-अभिमानी बनना है ! हम आत्मा भाई-भाई है, यह दष्टि पक्की करनी है !
२.रुहानी social worker बन आत्मा को ज्ञान का injection लगाना है ! सबकी रुहानी सेवा करनी है !
वरदानः Drama में समस्याओं को खेल समझ accurate part बजाने वाले hero part धारी भव ! 
स्लोगनः जो सदा प्रसन्न रहते है वही प्रशंसा के पात्र है !

स्वमानः मै Hero Partdhari हुं !
१५-०२-२०१२, बुधवार
मीठे बच्चे,
सदा ज्ञान की मस्ती में रहो तो, भविष्य नई दुनिया के खयालात स्वतः बुध्धि में आते रहेगें !
प्रश्नः देव पद प्राप्त करने वाले बच्चों को कौनसी बात अपने अंदर से निकाल देनी चाहीए ?
उतरः अभी तक जो देह-अभिमान की बांस है, इस बांस को नीकाल दो ! इस पुराने शरीर में मोह नहीं रखो क्योंकि इस पुराने रोगी शरीर को तो छोडना ही है ! तुम मंदिर में बैठने वाले देवता बनते हो तो देवताओ में यह बात नहीं होनी चाहिए ! बाबा को बच्चों का देह-अभिमान बिलकुल अच्छा नहीं लगता इसलिए बच्चे देही-अभिमानी भव !  
गीतः भोलेनाथ से निराला.....
धारणा के लिए मुख्य सार
१.बाप के फरमान पर कांटों को फूल बनाने की सेवा करनी है ! स्वयं में जो कांटें है उन्हे निकाल देना है ! खुश्बूदार फूल बनना है !
२.ईश्वरिय मत पर चल बाप की आशीर्वाद का पत्र बनना है ! काल पर जीत पानी है !
वरदानः सर्वशक्तिमान्‌ के साथ की स्मृति द्वारा सदा सफलता का अनुभव करने वाले combined रुपधारी भव !
स्लोगनः सबकी दुआऍं लेनी है तो हाँ करते हूए सहयोग का हाथ बढाते चलो !
१६-०२-२०१२, गुरुवार
मीठे बच्चे,
रोज अमृतवेले ज्ञान और योग की वासधूप जगाओ तो विकारो रूपी भूत भाग जायेंगे !
प्रश्नः कौन सी एक भूल अनेक भूतों को अंदर में प्रवेश कर देती है ?
उतरः मै आत्मा हुं, यह बात भूलने से अंदर मे अनेक भूत प्रवेश हो जाते है ! देह-अभिमान का भूत सबसे ‌ब़डा है, जिसके पीछे सब आ जाते है इसलिए जितना हो सके देही-अभीमानी बननेका पुरूषार्थ करो !
गीतः आज अंधेरे में है इंसान....
धारणा के लिए मुख्य सार
१.पहले-पहले आत्म अभिमानी बनने की महेनत करनी है, देह-अभिमान में कभी नही आना है ! रहमदील बन अपकारी पर भी उपकार करना है !
२.भूतों को भगाने के लिए अमृतवेले विशेष याद में रहने का पुरुषार्थ करना है ! मीठे झाड़ का sapling लगाने में बाबा का मददगार बनना है !
वरदानः अपनी श्रेष्ट द्दष्टि, वृति द्वारा सृष्टि का परिवर्तन करने वाले विश्व के आधारमूर्त भव !
स्लोगनः न्यारे और अधिकारी बनकर कर्म करो तो कोई भी बंधन अपने बंधन में बांध नही सकता !
१७-०२-२०१२, शुक्रवार
मीठे बच्चे,
आत्मा रुपी दीपक में योग रुपी धृत डालो तो तो आत्मा शक्तिशाली हो जायेगी !
प्रश्नः आत्मा रुपी बैटरी में power भरनेका आधार क्या है ?
उतरः आत्मा रुपी बैटरी में power भरने के लिए बुध्धियोग का बल चाहिए ! जब बुध्धियोग बल से सर्व शक्तिमान् बाप को याद करेंगे तब बैटरी भरेगी ! जब तक बैटरी में power तब तक ज्ञान की धारणा भी नहीं हो सकती है ! आत्मा में complete रोशनी आने में time लगता है ! याद करते करते full रोशनी आ जाती है !      
गीतः रात के राही थक मत जाना....
धारणा के लिए मुख्य सार
१.अल्फ की याद से रावण माया पर जीत पानी है ! सब को अल्फ का परिचय देना है !
२.याद की यात्रा में थकना नही है ! अपनी बैटरी को charge करने के  लिए सर्व शक्तिमान् बाप को याद करना है !
वरदानः दिव्य गुणो रुपी प्रभु प्रसाद खाने और खिलाने वाले संगमयुगी फरिस्ता सो देवता भव !
स्लोगनः सदा उमंग उत्साह में रहना-यही ब्राह्मण जीवन का सांस है !
१८-०२-२०१२, शनिवार
मीठे बच्चे,
संगमयुग पर बाप आये है तुम बच्चों की दिल व जान से सेवा करने, अभी यह drama पूरा होता है-तुम सबको वापिस घर चलना है !
प्रश्नः अभी तुम बच्चों की कर्मातीत अवस्था हो नही सकती, अंत में होगी-क्यों ?
उतरः क्योंकि तुम आत्मा जब कर्मातीत बनो तो तुम्हे पावन तत्वों का बना हुआ शरीर चाहीए ! अभी तो यह ५ तत्व पतित है ! जब तत्व पावन बनें तब कर्मातीत अवस्था हो ! तुम बच्चे जब पूरे पावन बन जायेंगे तो यहाँ रह भी नहिं सकेंगे ! पावन बने तो पावन दुनिया में पावन शरीर चाहिए इसलिए तुम अभी half cast हो , अंत में तुम्हारा पूरा बुध्दियोग जम जायेगा, तुम पावन बन जायेंगे, तुम्हारे सब विकर्म विनाश हो जायेंगे और तुम्हारी कर्मातीत अवस्था हो जायेगी !
गीतः दूरदेश का रहने वाला...    
धारणा के लिए मुख्य सार
१.अपने शांत स्वधर्म में सदा रहेना है ! यह वानप्रस्थ अवस्था है, वापस धर जाना है इसलिए बाप की याद अजपाजाप चलती रहे !
२.कर्मातीत बनने के लिए संपूर्ण पावन बनना है ! जो भी विकर्मो का बोझ है उसे याद की यात्रा में रहकर उतार देना है ! याद की शक्ति से विकारों पर जीत पानी है !
वरदानः ज्ञान के साथ-साथ गुंणो को emerge कर number one बनने वाले सर्व गुण संपन्न भव !
स्लोगनः Silence की power द्वारा negative को positive में परिवर्तन करना हि मन्सा   सेवा है !
१९-०२-२०१२, रविवार  
Revised Course 16-10-1995
    
बापदादा की चाहना क्या है diamond jubilee वर्ष को लगाव मुक्त वर्ष में मनाओ !

वरदानः सदा हजुर हाजीर समज साथ का अनुभव करने वाले combined रूपधारी भव !
स्लोगनः मन को सदा रुहानी मौझ में रखना यही जीवन जिने की कला है !
२०-०२-२०१२, सोमवार
मीठे बच्चे,
सिर पर विकर्मो का बोजा बहुत है, इसलिए अब तक शारीरिक बीमारीयां आदि आती है, जब कर्मातीत बनेंगे तो कर्मभोग चुक्तू हो जायेंगे !
प्रश्नः सभी का attention खिंचवाने के लिए इस university का कौन सा नाम होना चाहिए ?
उतरः सच्चा-सच्चा ज्ञान विज्ञान भवन, पांडव भवन ! ज्ञान अर्थात् knowledge से wealth और विज्ञान अर्थात् योग से health मिलती है सो भी २१ जन्मों के लिए ! तो तुम बच्चों को; मनुष्य को मुक्ति जीवनमुक्ति देने के लिए ज्ञान विज्ञान की प्रदर्शनी लगानी चाहीए ! ज्ञान विज्ञान भवन नाम से सबका attention जायेगा !
गीतः हमारे तीर्थ न्यारे है....
धारणा के लिए मुख्य सार
१.श्रीमत पर चलकर श्रेष्टाचारी बनना है ! काम महा शत्रु पर विज्यी बन संपूर्ण निर्वीकारी बनना है ! अत्याचारों से डरना नही है !
२.योगबल से आत्मा को शुध्ध बनाना है ! त्रिकालदर्शी, त्रिलोकीनाथ बन दुसरों को आप समान बनाने की सेवा में busy रहना है ! सब धर्मवालों को संदेश जरुर देना है !
वरदानः दुःख की लहरों से न्यारे रह प्रभु प्यार का अनुभव करने वाले खुशी के खजाने से संपन्न भव !
स्लोगनः त्रिकालदर्शी वा त्रिनेत्री वह है जो माया के बहुरुपों को सहज ही पहचान ले !
२१-०२-२१०२, मंगळ्वार
मीठे आज्ञाकारी बच्चे,
तुम्हे सदा अतीन्द्रिय सुख में रहना है, कभी भी रोना नहिं है क्योंकि तुम्हे अभी उंचे ते उंचा बाप मीला है !
प्रश्नः अतीन्द्रिय सुख तुम गोप गोपियों का गाया हुआ है, देवताओं का नही-क्यों ?
उतरः क्योंकि तुम अभी ईश्वर की संतान बने हो ! तुम मनुष्य को देवता बनाने वाले हो ! जब देवता बन जायेंगे तब फिर उतरना शुरु करेंगे, degree कम होती जायेगी इसलीए उनके सुख का गायन नहीं है ! यह तो तुम बच्चों के सुख का गायन करते हो !
गीतः मुझको सहारा देने वाले.....
धारणा के लिए मुख्य सार
१.कदम कदम बाप की राय पर चलना है ! पूरा पुरा बलिहार जाना है ! जहाँ बिठायें, जो खीलायें...एसा आज्ञाकारी हो कर रहना है !
२.अपनी चलन बहुत royal उंची रखनी है, हम ईश्वरीय औलाद है इसलिए बडी royalty से चलना है, कभी भी रोना नहीं है !
वरदानः Master सर्व शक्तिमान् की स्मृति द्वारा सर्व हलचलो को merge करने वाले अचल-अडोल भव !
स्लोगनः नाज़ुक परिस्थितियों में घबराने के बजाए उनसे पाठ पढ़कर स्वयं को परिपक्व बना लो !
२२-०२-२०१२, बुधवार
मीठे बच्चे,
सदा इसी नशे में रहो की ज्ञान सागर बाप ने ज्ञान देकर हमें स्वदर्शन चक्रधारी, त्रिकालदर्शी बनाया है, हम है ब्रह्मावंशी ब्राह्मण !
प्रश्नः तुम बच्चे ब्राह्मण बनते ही पदमापदम भाग्यशाली बन जाते हो- कैसे ?
उतरः ब्राह्मण बनना अर्थात् second में जीवनमुक्ति प्राप्त करना ! बाप का बच्चा बना और वर्षे का अधिकार मीला ! तो जीवनमुक्ति तुम्हारा हक है, इसलिए तुम पदमापदम भाग्यशाली हो ! बाकी इस मृत्युलोक में तो कोइ सौभाग्यशाली भी नहीं ! अकाले मृत्यु होता रहता है ! तुम बच्चे अभी काल पर जीत पाते हो ! तुम्हें त्रिकालदर्शी-पने का भी ज्ञान है ! शिवबाबा २१ जन्मों के लिए तुम्हारी झोली भर रहे हैं !
धारणा के लिए मुख्य सार
१.इस पुरानी दुनिया को बुध्दि से भूल बेहद का वैरागि बनना है ! देह-अभिमान के भूत को निकाल देना है !
२.बाप समान obedient बन सेवा करनी है ! आप समान बनाना है ! किसी भी बात में मुँझना नही है !
वरदानः हर घड़ी को अन्तिम घड़ी समझ सदा everready रहने वाले तीव्र पुरुषार्थी भव !
स्लोगनः नाजुक समय पर pass with honour बनना है तो adjust होने की शक्ति को बढाओ !
२३-०२-२०१२, गुरुवार
मीठे बच्चे,    
बाप आये है तुम बच्चों को आप समान अशरीरी बनाने, जब तुम अशरीरि बनो तब बाप के साथ चल सको !
प्रश्नः बाप के कीस फरमान पर चलनेवाले निरंतर योगी बन सकते है ?
उतरः बाप का पहला फरमान है की बच्चे इस देह को तुम्हे भूलना है ! इस को भूल अपने को आत्मा निश्चय करो तो बाप की याद निरंतर रहेगी ! सदैव एक ही पाठ पक्का करो की मै आत्मा निराकारी दुनिया की रहनेवाली हूँ, इससे तुम्हारा देह-अहंकार खत्म हो जायेगा ! बुध्धि में किसी भी देहधारी की याद न आये तो निरंतर योगी बन सकते हो !
गीतः तुम्हे पा के हमनने जहाँ पा लीया है....
धारणा के लीए मुख्य सार
१.हम ब्राह्मण चोटी सबसे उतम है, इस नशे में रह श्रीमत पर भारत को श्रेष्ट बनाने की सेवा करनी है ! आस्तिक बनना और बनाना है !
२.देह-अहंकार को छोड़ आत्म-अभिमानी बनना है ! विचित्र (अशरीरी) बनने का पूरा-पूरा पुरुषार्थ करना है !
वरदानः स्वराज्य के साथ बेहद की वैराग वृति को धारण करने वाले सच्चे-सच्चे राजॠषि भव !
स्लोगनः समझदार वह है जो सब आधार टूटने के पहले एक बाप को अपना आधार बना ले !
२४-०२-२०१२, शुक्रवार
मीठे बच्चे,
तुम सबको सच्ची गीता सुनाकर सुख देने वाले सच्चे व्यास हो. तुम्हे अच्छी तरह पढकर सबको पढाना है, सुख देना है !
प्रश्नः सबसे उची मंजील कौनसी है, जीस पर पहुचने का तुम पुरुषार्थ करते हो ?
उतरः अपने को अशरीरी समझना, इस देह-अभिमान पर जीत पाना-यही उंची मंजील है क्योंकि सबसे बडा दुश्मन है देह-अभिमान ! एसा पुरुषार्थ करना है जो अन्त में बाप के सिवाए कोइ याद न आये ! शरीर छोड बाप के पास जाना है. यह शरीर भी याद न रहे ! यही महेनत करनी है !
गीतः इस पाप की दुनिया से....
धारणा के लिए मुख्य सार
१.योगबल से अपने सब बंधनों को काट बंधनमुक्त होना है, किसी में भी मोह नही रखना है !
२.जो भी ईश्वरीय direction ममिलते है उन पर पुरा-पुरा चलना है ! अच्छी तरह से पढना और पढाना है ! मियाँ मिट्ठू नहीं बनना है !
वरदानः एकरस स्थिति के आसन पर मन-बुध्धि को बीठाने वाले सच्चे तपस्वी भव !
स्लोगनः दूसरे के विचारों को अपने विचारों से मिलाकर सर्व को सम्मान देना ही माननीय बनने का साधन है !
२५-०२-२०१२, शनिवार
मीठे बच्चे,
तुम प्यारसे कहते हो मीठा बाबा, तो मुख में रस आ जाता, ईश्वर वा प्रभु कहने से वह रस नही आता !
प्रश्नः कौन सा धन्धा सर्वशक्तिमान बाप का है, मनुष्यों का नही ?
उतरः पतित आत्माओं को पावन बनाना, सारे विश्व को नया बनाना-यह धन्धा बाप का है, बाप ही पावन बनाने की शक्ति देते है ! यह धन्धा मनुष्य नही कर सकते ! मनुष्य तो समझते है भगवान जो चाहे वह कर सकता है, वह हमारी बीमारी भी ठीक कर सकता है ! बाबा कह्ते हैं मै ऍसी आशीर्वाद नहीं करता ! मैं तो पावन बनने की युक्ति बताता हुं !
गीतः जाग सजनिंया जाग....
धारणा के लिए मुख्य सार
१.आत्मा रुपी दीपक को सदा जाग्रत रखने के लिए याद का धृत डाल्ते रहना है ! याद से आत्मा को सतोप्रधान बनाना है !
२. सदा ज्ञान सोझरे में रहना है ! बेहद नाटक ( drama) को बुध्धि में रख स्वदर्शन चक्रधारी बनना है
वरदानः कल्याणकारी युग में स्वयं का और सर्व का कल्याण करने वाले प्रकृतिजीत मायाजीत भव !
इस कल्याणकारी युग में, कल्याणकारी बाप के साथ-साथ आप बच्चे भी कल्याणकारी हो ! आपकी chalange હૈ कि हम विश्व परिवर्तक है ! दुनिया वालों को सिर्फ विनाश दिखाई देता है इसलिए समझते है-यह अकल्याण का समय है लेकिन आप के सामने विनाश के साथ स्थापना भी स्पष्ट है और मन में यही शुभ भावना है कि अब सर्व का कल्याण हो ! मनुष्य आत्मायें तो क्या प्रकृति का भी कल्याण करने वाले ही प्रकृतिजीत, मायाजीत कहलाते है, उनके लिए प्रकृति सुखदाई बन जाती है !
स्लोगनः न्यारे-प्यारे होकर कर्म करने वाले ही संकल्पो पर second में full stop लगा सकते है !
२८-०२-२०१२, मंगळ्वार
मीठे बच्चे,
एक बाप ही है जिसकी अपरमापार महिमा है, बाप जैसी महिमा और किसी की भी हो नहीं सकती !
प्रश्नः तुम बच्चों को इस पढ़ाई का बह़ुत-बह़ुत कदर होना चाहीए- क्यों ?
उतरः क्योंकि सारे कल्प में एक ही बार बाप परमधाम से पढ़ाने के लिए आते है ! मनुष्य पढ़ने के लिए भारत से विदेश में जाते, यह कोइ बड़ी बात नहीं ! यहाँ तो पढ़ाने वाला कितनी दुर से आता है ! तो बच्चों को पढ़ाई का बहुत कदर होना चाहिए ! थोड़ी दिक्कत भी हो तो हर्जा नहीं ! तुम्हारे school गली-गली में बनने चाहिए, नहीं तो इतने सब पढ़ेगें कैसे ? बाबा का परिचय तो सब को मिलना है जरुर !

२९-०२-२०१२, बुधवार
मीठे बच्चे,
पढाई में गफ़लत मत करो, अविनाशी ज्ञान रत्नों से अपनी झोली भरते रहो, विनाशी धन के पीछे इस कमाई को छोड़्ना नही !
प्रश्नः जो बच्चे बाप के समान रहमदिल है, उनकी निशानियां क्या होंगी ?
उतरः उन्हे ज्ञान का नशा चढ़ा हुआ होगा, वे ज्ञान रत्नों को स्वयं में धारण कर दूसरों को ज्ञान का injection लगाते रहेगें, सब को आसुरी मत से छुडाते रहेगें ! जो बाबा सुनाते है उसे note करेगें और सवेर-सवेरे उठ उस पर गौर करेगें, विचार सागर मंथन कर सदा हर्षित रहेगें !
गीतः हमारे तीर्थ न्यारे है....
धारणा के लिए मुख्य सार
१.इस पुरानी दुनिया से उपराम रहना है ! स्वच्छ बुध्धि बन ज्ञान धारण करके फिर दुसरों को धारण कराना है ! विचार सागर मंथन करना है !
२.बाप समान रहमदिल बन सब को आसुरी मत से छुडाना है !
वरदानः द्दढ़ संकल्प रुपी व्रत द्वारा अपनी वृतियों को परिवर्तन करने वाले महान आत्मा भव !
स्लोगनः अपने पवित्र श्रेष्ट vibration की चमक विश्व में फैलाना ही real diamond बनना है !



  


   



             

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