Swaman-02
मैं आत्मा शांतिदूत हुँ । शांति मेरा स्वधर्म है । मुझे चारों और शांति की लहर फैलानी है ।
मैं शांतिधाम निवासी, शांत स्वरुप आत्मा हूँ । शांति के सागर परमात्मा की दिव्य संतान हूँ, मेरा स्वधर्म शांति है । परमात्म अवतरण विश्व मैं शांति हेतु हुआ है । मेरा कर्तव्य है चारों और शांति के प्रकम्पन फैलाना, विश्व में शांति की स्थापना करना ।
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