नूतन संगमयुगी, स्वर्णिम विश्व के आधार स्वरुप मैं विश्व राज्य भाग्य की अधिकारी विशेष आत्मा हूँ ।
संगमयुग में अभी भले मैं साधारण आत्मा हूँ, लेकिन भविष्य में आनेवाले नूतन सत् युगी, स्वर्णिम विश्व के आधार स्वरुप विशेष आत्मा हूँ । ऍसे विशेष राज्यभाग्य की अधिकारी आत्मा के गौरव को स्टेज को सदा बनायें रखें ।
No comments:
Post a Comment