Swaman-03
मैं आत्मा पवित्रता की ताजधारी हूँ । पवित्रता की छत्रछाया नीचे मैं सुरक्षित, मायाजीत, विजयी रत्न हूँ ।
मुझे परम पवित्र परमात्माने पवित्रता का ताज और विजय का तिलक दिया है । इस पतित-पुरानी और कलियुगी दुनिया में मैं आत्मा, पवित्रता की छत्रछाया में सुरक्षित और मायाजीत बन गयी हूँ; सदा अपने ताज का ध्यान रखें ।
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