त्याग तपस्या और सेवा द्वारा श्रेष्ठ भाग्य का निर्माण करनेवाली मैं विधाता और वरदाता स्वरुप आत्मा हूं !
संगमयुग में ही भाग्य निर्माण करने का गोल्डन अवसर है ! सभी प्रकार की बुराईयों को एवम् विकारों का त्याग, योग साधना की तपस्या और हर प्रकार की ईश्वरीय सेवा कर मुजे अपना भाग्य निर्माण करना है और औरों के भाग्य को जागानेवाला वरदाता बनना है !
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