Tuesday, July 17, 2012

17-07-2012's Murli


१७-०७-२०१२, मंगळवार
मीठे बच्चे,
बाबा आये है तुम्हें सौभाग्यशाली बनाने, सौभाग्यशाली अर्थात् स्वर्ग का मालिक, तुम्हारा भी कर्तव्य है सबको आपसमान बनाना !
प्रश्नः सबसे नम्बरवन कान्फ्रेन्स कब और कौन सी होती है ? उससे प्राप्ति क्या है ?
उतरः संगम पर आत्मा और परमात्मा का मिलन ही नम्बरवन कान्फ्रेन्स है ! जब यह कान्फ्रेन्स होती है तब आत्माओं को परमात्मा से मुक्ति वा जीवनमुक्ति का वर्सा मिलता है ! इसे ही सच्चा-सच्चा कुम्भ भी कहा जाता है ! यह कुम्भ का मेला फर्स्टक्लास कान्फ्रेस है ! इसके बाद फिर कोई कान्फ्रेन्स, यज्ञ तप आदि होते नहीं ! सब बन्द हो जाते है !   
गीतः माता ओ माता...
धारणा के लिए मुख्य सार
१.एक बाप से ही सच्चा कम्यूनियन (योग) रखना है बाप से ही दिल की वार्तालाप करनी है ! बाप के सामने ही अपनी बात रखनी है, किसी देहधारी के सामने नहीं !
२.खुदाई खिदमतगार बन सबको बहिश्त में चलने का रास्ता बताना है ! सबका कल्याणकारी बनना है ! 
वरदानः माया और प्रकृति की हलचल से सदा सेफ रहने वाले दिलाराम के दिलतख्तनशीन भव !
सदा सेफ रहने का स्थान-दिलाराम बाप का दिलतख्त है ! सदा इसी स्मृति में रहो कि हमारा ही यह श्रेष्ठ भाग्य है जो भगवान के दिलतख्तनशीन बन गये ! जो परमात्म दिल में समाया हुआ अथवा दिलतख्तनशीन है वह सदा सेफ है ! माया वा प्रकृति के तूफान उसे हिला नहीं सकते ! ऍसे अचल रहने वालों का यादगार अचलघर है, चंचल घर नहीं इसलिए स्मृति रहे कि हम अनेक बार अचल बने है और अभी भी अचल है !
स्लोगनः ज्ञान स्वरुप , प्रेम स्वरुप बनना ही शिक्षाओं को स्वरुप में लाना है !
17-07-2012, Tuesday
Essence: Sweet children, Baba has come to make you one hundred times fortunate, that is, to make you into the master of heaven. Your task is to make everyone the same as yourselves. 
Question: What is the number one conference and when does it take place ? 

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