Thursday, July 19, 2012

Swaman-19

मन,बुध्धि,संस्कार सहित स्थूल कर्मेन्द्रियों को ओर्डर से चलाने वाली मैं स्वराज्य अधिकारी सो विश्वराज्य अधिकारी आत्मा हूँ !

मन, बुध्धि, संस्कार को और स्थूल कर्मेन्द्रियों को ओर्डर में चलाना है. यह बहुत सुक्ष्म पुरुषार्थ है. मन मालिक नहीं, सेवाधारी बन जाये, जो बोलना है वही बोले, जो नहीं करना है वह करने से बचे, तभी विश्व राज्य अधिकारी बन सकते है !

No comments:

Post a Comment