Monday, July 30, 2012

Swaman-29

हर ईश्वरीय मर्यादाओ की लकीर में सुरक्षित मैं निमित्त, निर्मान, और नम्रचित आत्मा हूँ ।

सर्व कार्य करते हुये अपने को सदा निमित्त समजे, व्यवहार में सदा निर्मानता दिखाई दें और स्वभाव नम्रचित हो । यह ईश्वरीय सेवाधारी की सच्ची पहचान है, वह व्यवहार में लाये । साथ में हर कार्य में ईश्वरीय मर्यादाओं को पालन कर लकीर में रहने के सुक्ष्म पुरुषार्थ से स्वयं को सुरक्षित बनायें ।

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