Saturday, July 28, 2012

Swaman-27

चलते फिरते हर संकल्प, बोल, कर्म में सदा अलौकिकता, दिव्यता और पवित्रता में रहनेवाली मैं कोटों में कोई प्रभु पसंद आत्मा हूँ ।

प्रभु सदा मर्यादा में रहनेवाली आत्मा को पसंद करते है । मुझे चलते, फिरते, हर संकल्प, बोल, कर्म में सदा अलौकिकता, दिव्यता और पवित्रता की मर्यादा में रह सदा प्रभु को खुश रखना है क्योंकि मैं प्रभु पसंद आत्मा हूँ ।

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