Thursday, July 26, 2012

Swaman-25

संगमयुग के इस मरजीवा जन्म में ऊंचे ते ऊंचे धर्म, कर्म और परिवार की मैं श्रेष्ठ और विघ्न विनाशक आत्मा हूँ !

जहाँ प्रकाश है, वहाँ अंधकार टीक नहीं सकता, जहाँ पवित्रता है वहाँ अशुध्धि ठहर नहीं सकती ! इस तरह हम ऊंच धर्म, कर्म और परिवार की श्रेष्ठ आत्मा है तो किसीका भी विघ्न कैसे ठहर सकता है ? मुझे स्वयं के और सारी दुनिया के विघ्नों का विनाश करना है, यही मेरा कर्तव्य !

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