Friday, July 20, 2012

Swaman-06

मैं आत्मा खुशनशीब, भाग्यशाली हूँ ! स्वयं परमात्मा-पिता ने मुजे वारिस बनाया है !

वाह रे मैं ! वाह मेरा भाग्य ! स्वयं भगवानने मुजे वारिस बनाकर मुजे श्रेष्ठ भाग्यशाली बना दिया है ! अपने भाग्य का गीत सदा गाते रहो ! कदम कदम पर भाग्य और भगवान की महिमा करते रहो, स्वयं को खुशनसीब अनुभव करो !

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