Tuesday, July 17, 2012

Swaman-16


आत्मिक द्रष्टी द्वारा स्नेह, समभाव और सद्दभावना तथा वृति द्वारा रहम,कल्याण और एकता के वायब्रेशन फैलानेवाली मैं यज्ञ रक्षक आत्मा हूँ !

मै आत्मा यज्ञ रक्षक हूँ, मुजे आत्मिक द्रष्टि द्वारा स्नेह, समभाव और सद्दभावना का वातावरण बनाना है और श्रेष्ठ वृति द्वारा रहम,कल्याण के वायब्रेशन फैलाना है. किसी के न दोष देखने है, न वर्णन करने है, एकता और संगठन का वातावरण बनाना है !

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